शुभ समाचार

लेखक: Unknown
अनुवादक: एमिलिया रानी

उस घाटी में धनवान

एक घाटी में एक धनवान रहता था। उसके पास विशाल खेत, कई जंगल और वनस्पति से भरपूर पहाड़ियाँ हैं। वह हर दिन अपने घोड़े पर सवार होकर खेतों और उनकी फसलों को दौराकर आता था। वह उस घाटी का सबसे अमीर आदमी था। उनके अधीन में कई मेहनती श्रामिक हैं। उनमें जॉन नाम का एक देवभक्ति युक्त वृद्ध आदमी भी था। वह कई वर्षों से उस धनवान की ईमानदारी से सेवा कर रहा है। एक दोपहर वृद्ध जॉन ने अपनी टोपी उतारी और उसके सामने एक पुराना टिफिन डिब्बा को रख और अपनी आँखें बंद कर उस शाम के भोजन के लिए वह बड़ी कृतज्ञता के साथ परमेश्वर की स्तुति कर रहा था।

उस डिब्बे में थोड़ा ही ठंडा खाना था, तभी धनवान वहां आ गया और जॉन को देखकर, ' जॉन, तुम परमेश्वर की स्तुति क्यों कर रहे हो? उसने तुम्हें कुछ नहीं दिया?' उसने कहा। जॉन ने विनम्रतापूर्वक उत्तर दिया 'हे मालिक, उन्होंने मुझ पर अनगिनत भलाई और उपकार किये हैं। मुझे कई  करोड़ खर्च करने के बाद भी लभ्य ना होनेवालि पापों की क्षमा, ह्रदय की शांति, मानसिक खुशी और स्वर्ग तक पहुंच प्रधान की और वह हर दिन भोजन से मेरा  पोषण कर रहा है।' 

वह 'पागल' है यह सोचकर, धनवान ने हिसाब-किताब जांचा और घोड़े पर चढ़कर उसे हिलाया, वह पहले ही बड़े कदमों से कुछ दूर जा चुका था। 'मालिक, एक मिनट पीछे आईये ' जॉन ने पुकारा। तब वह जमींदार वापस आया, घोड़े की लगाम अपने हाथ में पकड़कर उसने वृद्ध की ओर देखकर पूछा, 'क्या?'।

तब जॉन ने उस से कहा, मैं ने रात को एक स्वप्न देखा; ' स्वप्न क्या है?' मालिक जॉन  से पूछा। 'मैंने स्वप्न में आज रात 12 बजे इस घाटी में एक बड़े धनवान की मृत्यु देखी, जॉन ने  निश्चितता के साथ कहा ।' तभी मालिक ने घोड़े को हिलाते हुए कहा, ' वृद्ध लोगों को ऐसे ही सपने आते हैं, जॉन ।' घोड़ा जायदाद के बीच से, सुंदर पेड़ों और खेतों से बहुत आगे निकल गया, लेकिन वृद्ध आदमी के शब्दों ने धनवान को नहीं छोड़ा। "घाटी का धनवान आज रात 12 बजे मर जाएगा" - ये शब्द उसके दिलो-दिमाग पर छा गए। उसने भूलने की कितनी भी कोशिश की, वह भूल नहीं सका।

घर पहुँचते ही उसने शहर से पारिवारिक डॉक्टर को बुलाया और कहा,'डॉक्टर, मेरी स्वास्थ्य की गहन जांच करने’ का आदेश दिया। उन शब्दों ने डॉक्टर को आश्चर्यचकित कर दिया। डॉक्टर ने सभी उपकरणों के साथ काफी देर तक उनकी जांच की और कहा, 'आपका स्वास्थ्य बहुत अच्छा है। बेचैन न होने के लिए कहा और जाने की इजाज़त मांगी। लेकिन धनवान नहीं माना और कहा कि 'आप पूरी रात मेरे साथ रहो।' डॉक्टर और धनवान ने सारी रात जागने की व्यवस्था की।

किले की घड़ी गम्भीरता से बजती रही। नौ, दस, ग्यारह.... धनवान उठ कर और कमरे के चारों ओर घूमता है। पसीने से तर भौहें और माथा हैं। चेहरा चिंताग्रस्त था, आँखें बेजान थीं और शरीर काँप रहा था जबकि उत्सुकता से देखते हुए, डॉक्टर कहते हैं, 'आप निश्चिंत रहें, ऐसा कुछ नहीं होगा।' धनवान मृत्यु के भय और मृत्यु की याद से अपना आपा खो बैठा। साढ़े ग्यारह-पौने बारह - बारह बजने में दस मिनट कम - ज़मींदार के हाथ-पैर कांपना ज़्यादा हुआ। कसा हुआ उन्होंने वो दस मिनट बड़ी मुश्किल से काटे.

किले की घड़ी 12 बार बजी। धनवान सोचते हुए आरामकुर्सी पर पीछे झुक गया। धीरे-धीरे पैरों का कांपना और हृदय गति कम हो गई। खतरा टल गया है, धनवान आह भरता हैं।

साढ़े 12 बजे किसी ने कमरे का दरवाजा खटखटाया। कमरे में वे दोनों सोचे, 'इतने रात को, कौन दरवाज़ा खटखटा रहा हैं। जैसे ही डॉक्टर ने दरवाज़ा खोला, एक काम करने वाला उसके सामने खड़ा हो गया। उसने कहा, 'मालिक, वृद्ध जॉन की मृत्यु 12 बजे हुई।' हाँ, उस घाटी में एक बहुत धनवान आदमी ठीक रात के 12 बजे मर चुके थे। वृद्ध जॉन को मसीह की अप्राप्य संपदा प्राप्त हुआ (Unsearchable riches of Christ) इश्वर की कृपा से उसने अपार सम्पत्ति अर्जित की।

आज हम सभी अमीर लोगों को देखते हैं लेकिन उनके पास कोई वास्तविक खुशी नहीं है। पाप ने उन्हें दिवालियापन दिया। उनमें से कई लोग मानसिक खुशी न मिलने पर आत्महत्या कर लेते हैं। वे इस दुनिया में अमीर हैं लेकिन स्वर्ग में गरीब हैं। परमेश्वर चाहता है कि मनुष्य को पाप का क्षमा और मोक्ष तथा उसे स्वर्ग का धन प्राप्त हो। प्रभु ने कहा कि स्वर्गिय धन का क्षय (अविनाशी) नहीं होगा, वह धन चोरों की पकड़ में नहीं आयेगा, न कीड़े या जंग उसे खा पाएंगे। "इसलिये तुम चिन्ता करके यह न कहना, कि हम क्या खाएंगे, या क्या पीएंगे, या क्या पहिनेंगे? क्योंकि अन्यजाति इन सब वस्तुओं की खोज में रहते हैं, और तुम्हारा स्वर्गीय पिता जानता है, कि तुम्हें ये सब वस्तुएं चाहिए। इसलिये पहिले तुम उसके राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी ( मत्ती 6:31-33 )। कि यदि तू अपने मुँह से कहे, “यीशु मसीह प्रभु है,” और तू अपने मन में यह विश्वास करे कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जीवित किया तो तेरा उद्धार हो जायेगा ( रोमियो 10:9)

इसलिए, प्रिय पाठक: “प्रभु यीशु पर विश्वास कर। इससे तेरा उद्धार होगा-तेरा और तेरे परिवार का। ( प्रेरितों के काम 16:31 ) इस प्रकार तुम्हें ईश्वर की कृपा की प्रचुरता और स्वर्ग कि प्राप्ति होगा।  

 

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