बहुत समय पहले यूनान पर अर्चियास नामक राजा का शासन था। वह बहुत स्वार्थी था। उन्हें लोगों की जरूरते और समस्याओं की जरा भी परवाह नहीं थी। जितना संभव हो उतना मज़ा करना और अच्छा खाते रहना उसका स्वभाव था। भविष्य के बारे में सोचना उसे मूर्खता लगता था । इसलिए लोग उससे नफरत करते थे। अंततः उनमें से कुछ ने उसे मारने की साजिश भी रची।
आज के कई करोड़पति और विनिर्माणकर्ता में नाम बनाने वाले बहुत से लोग ने अपना जीवन गरीबी में शुरू किया हैं। ऐसे ही एक व्यक्ति हैं सर टाइटस साल्ट (Sir Titus Salt) । उन्होंने अपना जीवन इंग्लैंड की एक फैक्ट्री में बाल मजदूर के रूप में शुरू किया। टाइटस अपने कड़ी मेहनत करने की इच्छा, दिमागी तेज़पन से मोटे ऊन (Coarse Wool) को गुणवत्ता में बदलने की प्रक्रिया का आविष्कार किया। इसके माध्यम से वह एक बड़े विनिर्माणकर्ता बन गये और रूस से आयातित मोटे ऊन को गुणवत्ता में परिवर्तित करके लाखों पाउंड कमाए। टाइटस की जिज्ञासा यहीं रुक नहीं गई। दिन-रात मेहनत करके 'अल्पाका' (Alpaca) नामक एक और प्रक्रिया का आविष्कार कर वह विनिर्माण जगत के शिखर पर पहुंचे।
यह जीवन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण सवाल है। यीशु मसीह ने कहा, "यदि कोई नये सिरे से न जन्मे तो परमेश्वर का राज्य देख नहीं सकता।" (यूहन्ना 3:3)।"मैं कलीसिया का हिस्सा हूँ; मुझे लगता है कि मैं एक मसीही हूँ" केवल यह कहना पर्याप्त नहीं है । हजारों नाममात्र के मसीही नए सिरे से जन्म लेने का कोई भी संकेत नहीं दिखाते हैं जो सुसमाचार ने हमें दिया है - जिन्मे बहुत से यूहन्ना के पहले पत्र में सूचीबद्ध हैं।
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