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लेखक: Unknown
अनुवादक: एमिलिया रानी

 

कल क्या होगा

बहुत समय पहले यूनान पर अर्चियास नामक राजा का शासन था। वह बहुत स्वार्थी था। उन्हें लोगों की जरूरते और समस्याओं की जरा भी परवाह नहीं थी।  जितना संभव हो उतना मज़ा करना और अच्छा खाते रहना उसका स्वभाव था। भविष्य के बारे में सोचना उसे मूर्खता लगता था । इसलिए लोग उससे नफरत करते थे। अंततः उनमें से कुछ ने उसे मारने की साजिश भी रची।

अर्चियास को इस साजिश के बारे में कुछ नहीं पता था, लेकिन दूर के शहर एथेंस में उसके दोस्त को पता था। उसने तुरंत राजा को पत्र लिखकर इसकी सूचना दी और खतरे से बचने के लिए आगाह करते हुए कहा, “ राजा, कल आपको मारने के लिए एक बड़ी साजिश रची गई है।” सावधान रहो और तुरंत अपने आपको बचाओ ,'' उसने प्रार्थना की। उसमें उसने साजिश से बचने का एक रास्ता भी सुझाया। एक दूत (डाकिया) पत्र लेकर अर्चियास के पास आया।

उस समय अर्चियास एक बड़ी दावत का आयोजन किया था और अपने मित्रों के साथ खा-पी रहा था। वह दूत बहुत दूर से आने कारण और उसके पास राजा को देने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण पत्र हैं कहने के कारण द्वारपालों ने उसे राजा के पास जाने के अनुमति दी। आख़िरकार वह राजा के पास आया और कहाँ, “मेरे प्रभु, यह पत्र भेजने वाले आपके मित्र ने इसे तुरंत पढ़ने का अनुरोध किया है। उसने विनम्रता से कहा, ''इसमें बड़े खतरे की विषय हैं।" शराब के नशे में आर्चियास ने पत्र पढ़ने में दिलचस्प नहीं था, "हा हा हा, खतरे का विषय, हम कल देखते हैं" कहके वापस दावत के भोग में लीन हो गया।

लेकिन अफसोस! अर्चियास के लिए " कल " ​​फिर कभी नहीं आया । बिना किसी चेतावनी के, षडयंत्रकारियों ने अचानक उस हवेली को घेर लिया जहाँ दावत हो रहा था। अंदर, भोग विलास और मनोरंजन अच्छी तरह से हो रही थी। क्रोधित षडयंत्रकारी अर्चियास और उसके दोस्तों पर, जो नशे में थे, दौड़ पड़े और उन्हें अपनी तलवारों से मार डाला।

प्रिय पाठक, क्या तुम भी कल की चिंता किये बिना सांसारिक सुख ही महत्वपूर्ण सोचते हो? अच्छी कमाई कर, आनंदमय समय बिताना ही यही जीवन का लक्ष्य समझ रहे हो ? क्या आप जो चाहते हैं उसे करके खुश हो? क्या आप भी अर्चियास के जैसे, कल देखेंगे कहते हुए "देवभक्ति, आत्म का उद्धार, पापों की क्षमा जैसे अत्यावश्यक मामलों के बारे में सोचना नहीं चाहते?

एक क्षण रुको ! हो सकता है कि कल तुम्हारे लिए दोबारा कभी न आए। किसे पता आज तुम्हारा जीवन यात्रा समाप्त हो जाये?

हमारे मृत्यु का दिन अचानक हम पर कैसे आएगा यह सूचित करने के लिए प्रभु यीशु ने हमें यह दृष्टांत सुनाया कि : "एक धनवान व्यक्ति की भूमि में भरपूर फसल हुई। तब उसने विचार किया - मेरे पास अपनी फसल इकट्ठा करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है, इस लिए मुझे क्या करना चाहिए? मेरे खलिहानों को खोल और उन से बड़े खलिहानों को बनाकर उन में मेरा सारा अनाज और मेरी संपत्ति इकट्ठा कर अपने प्राण से कहूँगा कि प्राण, बहुत वर्षों के लिये पर्याप्त बहुत सम्पत्ति तेरे पास रखा हुआ है; आनंद लो, खाओ, पियो, खुश रह यह अपने आप से बोलना सोचा। परन्तु परमेश्वर - ‘हे मूर्ख! इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा; तब जो कुछ तू ने इकट्ठा किया है वह किसका होगा?’ (लूका 12:16-20)

तुम्हारे आत्मा का एक विरोधी है। वही परमेश्वर का विरोधी शैतान है। वह तुम्हे  किसी भी तरह से धोखा दे कर तुम्हारी आत्मा को नरक में जाने के कार्य करते और परमेश्वर की विषयों के बारे में सोचने नहीं देकर तुम्हे लापरवाह कर रहा है। वह आपको इस पत्रिका का संदेश भी स्वीकार नहीं करने देगा। परंतु वह परमेश्वर जो तुम्हारे आत्मा से प्रेम करता है, जो आज सजीव हैं, तुम्हे, चेतावनी दे रहा है। पाप की मजदूरी से आने वाला वेतन मृत्यु (नरक) है। परमेश्वर का न्याय तुम पर है। आने वाले प्रलय से बचने का रास्ता भी परमेश्वर तुम्हे दिखा रहा हैं।

वह मार्ग यीशु मसीह है जिसने क्रूस कहने वाले बलिपीठ पर तुम्हारे लिए अपना प्राण दे दिया । यीशु मसीह ने तुम्हारे पापों के लिए परमेश्वर के क्रोध और न्याय को तुम्हारे बदले में सहा। वह मर गया, दफनाया गया और तीसरे दिन वह फिर से जी उठा। आज वह परमेश्वर के दाहिनी ओर ऊँची सिंहासन पर आसीन है। उन सभी के लिए जो विश्वास करते हैं यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर पाप-क्षमा, न्याय-नरक से मुक्ति अनुग्रह करते हैं।" इसलिये, हे भाइयो; तुम जान लो कि इसी के द्वारा पापों की क्षमा का समाचार तुम्हें दिया जाता है...  विश्वास करने वाला उसके द्वारा निर्दोष ठहरता है " (प्रेरितों 13:38, 39)।

कल क्या होगा हम नहीं जानते  इसलिए तुम आज परमेश्वर के सामने अपने पापों को स्वीकार कर, हृदय से परिवर्तन हो। तुम्हारे पापों का प्रायश्चित करने के लिए बलि बनकर, लहूं बहाँ के मरने वाले परमेश्वर के पुत्र यीशु प्रभु पर आज ही विश्वास रख, “आज या कल हम किसी और नगर में जाकर वहाँ एक वर्ष बिताएँगे, और व्यापार करके लाभ कमाएँगे। और यह नहीं जानते कि कल क्या होगा। सुन तो लो, तुम्हारा जीवन है ही क्या? तुम तो भाप के समान हो, जो थोड़ी देर दिखाई देती है फिर लोप हो जाती है।“ (याकूब 4:13,14)।

“देखो, अब उपयुक्त समय है, और देखो, उद्धार का दिन है” - (2 कुरिन्थियों 6:2)।

" यदि तू अपने मुंह से यीशु को प्रभु जानकर अंगीकार करे और अपने मन से विश्वास करे, कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, तो तू निश्चय उद्धार पाएगा।" (रोमियों 10:9)।

" प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा" (प्रेरितों 16:31)